MSP FULL FORM किसान आंदोलन आज से ही नही बल्कि मध्यकालीन समय से ही हो रहे है। वर्तमान मे भी ऐसी ही किसान आंदोलन देखने को मिल रहे है जिसके कई कारण है। भारत मे वर्तमान मे सरकार द्वारा किसानों के सम्बंधम मे एक नया कानून लाया गया है जिसमे न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP ) को समाप्त किया जा रहा है। इस कानून मे अगर सरकार की माने तो उनका कहना है की सरकार द्वारा लाये गये इस कानून से किसानों को कोई नुकसान नही होगा ओर न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP ) पर कोई असर नही पड़ेगा। हमारे इस लेख मे हम इसी MSP ( न्यूनतम समर्थन मूल्य ) के बारे मे आपको बता रहे है तो आप इस लेख को अंत तक पढे़।
Table of Contents
MSP क्या है ? ( What is MSP )
MSP एक प्रकार का किसी भी फैसला या एक दाम तय करने का तरिका है। इस पद्धति मे किसानों द्वारा बेची जाने वाली किसी भी फसल का सरकार द्वारा एक तय दाम निर्धारित किया जाता है। यह प्रकार की पद्धति है जो की किसानों के लिए काफी फ़ायदेमंद रहती है। किसी भी फसल द्वारा सरकार द्वारा एक तय किमत ( MSP ) होती है जिस पर उस तय मूल्य से कम दाम नही मिलता है।
MSP की शुरुआत
देश में इस प्रक्रिया की शुरुआत सबसे पहले लाल बहादुर शास्त्री के शासनकाल में हुई थी. यह समय था जब 1 अगस्त 1964 को न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए समिति बनाई गई. यह की शुरुआत मुख्य रूप से किसानो को फायदा देने के लिए की गई थी.
MSP का पूरा नाम क्या है ? ( MSP FULL FORM) मस्प फुल फॉर्म
MSP का पूरा नाम Minimum Support Price है। जो एक मूल्य निर्धारण की पद्धति है।
MSP कैसे तय किया जाता है। ( How MSP decided )
भारत मे किसी भी फसल पर MSP तय करने के लिए कई सारे फैक्टर के आधार पर निर्धारित किये जाते है जो की निम्न प्रकार है।
- आपूर्ति का आधार – फसल पर MSP तय करने के लिए सबसे पहला फैक्टर होता है आपूर्ति का आधार, इससे यह तय किया जाता है की किस प्रकार से फसल का उत्पादन किया गया है।
- उत्पादन की लागत – MSP तय करने का दूसरा मुख्य फैक्टर है उत्पादन की लागत, किसी फसल का उत्पादन करने की औसतन लागत के आधार पर भी यह तय किया जाता है।
- फसल की वर्तमान किमत – जिस फसल पर MSP तय करना है उस फसल पर यह भी देखा जाता है की इस फसल की वर्तमान मे देश के बाजार मे और अन्ट्रराष्ट्रिय बाजार मे किमत क्या चल रही है, यह भी देखा जाता है।
फसलो पर MSP निर्धारित करने के लिए इन सभी फैक्टर को ध्यान मे रखा जाता है।
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MSP कौन तय करता है ? ( Who declared MSP )
भारत मे MSP ( न्यूनतम समर्थन मूल्य ) CACP यानी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा तय किया जाता है। वैसे तो भारत मे लगभग सभी प्रकार की फसलो का MSP मूल्य कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा तय किया जाता है परन्तु गत्रे की फसल का गत्रा आयोग तय करता है। भारत सरकार द्वारा वर्तमान मे लगभग 23 फसलो पर MSP तय किया जाता है जिसमे लगभग 7 प्रकार के अनाज ओर 5 प्रकार के तिलहन है इसके अलावा और भी अन्य फसले है।
MSP के फायदे ( Benefits of MSP )
कई बार ऐसा देखा जाता है की बाजार मे कुछ फसलो का दाम आसानी से गिर जाता है ओर MSP इसमे काफी मदद करता है। MSP मे इस बात की तसल्ली रहती है की फसलो के दाम गिर जाने के बाद भी उन फसलो के दाम तय किये होते है जिन दामो पर उन्हे किसान आसानी से बाजार मे बैच सकते है।
कौन सी फसलो पर दिया जाता हैं MSP
देश में लागू इस पद्धति के अनुसार इन निम्न फसलो पर MSP लिया जाता हैं. इसमें अनाज की 7, दलहन की 5, तिलहन की 7 और 4 तरह की कमर्शियल फसलों को शामिल किया गया है. धान, गेहूं, मक्का, जौ, बाजरा, चना, तुअर, मूंग, उड़द, मसूर, सरसों, सोयाबीन, सूरजमूखी, गन्ना, कपास, जूट आदि की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाता हैं.
MSP बिल क्या है ? ( What is MSP Bill ? ) MSP KYA HAI
हाल ही मे किसानों के लिए केन्द्र सरकार ने एक नया कानून लेकर आई है जो सीधे किसानों के हितों को छूटा है, ऐसा माना जाता है। पूरे देश मे इस बिल के विरूध हंगामा व धरना प्रदर्शन हो रहे है। इस बिल मे ऐसा बताया जा रहा है की इस पद्धति मे मंडी व्यवस्था को बंद हो जायेगी। अगर इस पद्वति को अगर ध्यान से देखा जाये तो पूर्व मे न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर कोई असर नही पडेगा। इस पद्वति का उद्देश्य सिर्फ इतना है की किसानो का उनके फसलो का सही दाम मिल सके एवं उन्के साथ होने वाले शोषण से भी किसानो का बचाया जा सके।
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APMC Act क्या है ? ( What is APMC Act )
APMC भारत यह एक प्रकार का कानून है जो हर राज्य मे लागू किया गया है। इस कार्ड का मुख्य उद्देश्य किसानों को बेहतर सेवाएं व सुविधाएँ देना है। इस कानून मे किसानों के हितों को काफी महत्व दिया जाता है। इसका पूरा नाम कृषि उपज विपणन समिति कानून है। आजादी के बाद भारत में गाँवों की whole distribution system को साहूकार या व्यापारी ( Businessmen ) नियंत्रित करते थे.
जिससे किसानों को बहुत कम लाभ होता था. इससे छुटकारा पाने के लिए और कृषकों को लाभ पहुँचाने के लिए राज्य सरकारों ने कृषि बाजार स्थापित किये, जिसके लिए APMC अधिनियमों को लागू किया। Agricultural Produce Market Committee (APMC) एक marketing board है, जो आमतौर पर भारत में एक राज्य सरकार द्वारा स्थापित किया जाता है ताकि किसानों को बड़े खुदरा विक्रेताओं ( retailers ) के शोषण से बचाया जा सके. जिससे किसान कर्ज के जाल में न फंसे. साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि खेत से लेकर retail price तक मूल्य उच्च स्तर तक न पहुँचे।
MSP Price List 2021-22
केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी कर के किसानो की और ज्यादा लाभ देने के बारे में सोच विचार कर रही हैं. सरकार इस कुछ फसलो पर MSP में वृदि की गई हैं.
खरीफ फसल | पुरानी MSP (Rs/Qntl) | नई MSP (Rs/Qntl) |
धान | 1868 | 1940 |
बाजरा | 2150 | 2250 |
तुअर | 6000 | 6300 |
निष्कर्ष ( Conclusion ) MSP FULL FORM
भारत मे हाल की मे किसानों के फायदे के लिए यह नया कानून देश मे लागू किया गया जिसमे किसानों को काफी फायदा होगा। MSP एक प्रकार का किसी भी फैसला या एक दाम तय करने का तरिका है। इस पद्धति मे किसानों द्वारा बेची जाने वाली किसी भी फसल का सरकार द्वारा एक तय दाम निर्धारित किया जाता है। यह प्रकार की पद्धति है जो की किसानों के लिए काफी फ़ायदेमंद रहती है। भारत मे MSP ( न्यूनतम समर्थन मूल्य ) CACP यानी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा तय किया जाता है।
वैसे तो भारत मे लगभग सभी प्रकार की फसलो का MSP मूल्य कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा तय किया जाता है परन्तु गत्रे की फसल का गत्रा आयोग तय करता है। भारत सरकार द्वारा वर्तमान मे लगभग 23 फसलो पर MSP ( Minimum Support Price ) तय किया जाता है जिसमे लगभग 7 प्रकार के अनाज ओर 5 प्रकार के तिलहन है इसके अलावा और भी अन्य फसले है।
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