pm fme scheme in hindi भारत ने अपने आत्मनिर्भर भारत बनने की पहल में आगे जाता नजर आ रहा है जिसका कारण है कई सरकारी योजनाएं। भारत सरकार द्वारा कई ऐसी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है जो अपने आप में ही काफी अनूठी है। ऐसी ही एक योजना को हाल ही में लांच किया गया है। भारत के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार ने पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज की शुरुआत की घोषणा की है। इस योजना के बारे में कहा जा सकता है की इस योजना का क्रियान्वयन आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किया जा रहा है।
योजना का नाम | PMFME Scheme |
ऑफिसियल वेबसाइट | https://mofpi.nic.in/pmfme/ |
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क्या है पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज योजना ?
भारत सरकार द्वारा इस योजना को लागू किया गया है जो आगामी पांच साल के लिए लागू रहेगी। इस योजना में तकरीबन 30,000 करोड रूपयों के निवेश का प्लान है। हम जानते है की हमारे देश में कई ऐसी कंपनीया है जो देश में फूड प्रोसेसिंग का कार्य करती है। मौटेतौर पर कहा जाये तो इन कंपनीयों मे से लगभग 66 प्रतिशत कंपनीया ग्रामीण क्षेत्रों में काम करती है और उन कंपनीयों के साथ कई ग्रह उद्योग जुड़े है जो फुड प्रोसेसिंग करने में उन कंपनीयों को मदद करती है।
इस योजना को मुख्य तौर पर देखा जाए तो देश मे छोटी स्तर की फूड प्रोसेसिंग वाली कंपनियों का फायदा देने के उद्देश्य से ही इस योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना की शुरुआत में ही इसमें 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है जो वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए किया गया है। इस योजना को सरकार ने 5 साल के लिए लांच किया गया है। इस योजना का संचालन भारत सरकार के भारतीय प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।
One District One Product पर ध्यान दिया जाएगा।
योजना के इस भाग में इस बात पर ध्यान दिया जाएगा की इस योजना हर राज्य के के प्रत्येक जिले में कच्चे माल की उपलब्धता को पहचाना जाएगा। जो कच्चा माल किसी जिले में पडे पडे खराब हो जाता है तो उसे पहचाना जाएगा और उसके भंडारण के लिए अलग से इंतजाम किए जाएंगे। उन कच्चे माल से हर जिले के नाम से एक विशेष प्रोडक्ट बनाया जाएगा और उसका एक अलग पहचान दी जाएगी। इस सभी प्रोडक्ट को बनाने के लिए जो भी छोटी स्तर की फूड प्रोसेसिंग कंपनी इसमें काम करती है उनको सब्सिडी दी जाएगी।
राज्य सरकार व केन्द्र सरकार का रहेगा मिला जुला सहयोग
केन्द्र सरकार ने इस योजना को लागू करने के संदर्भ में राज्यों की सरकारों को निर्देश दिये है की वे इस योजना के संदर्भ में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभाये। इस योजना में केन्द्र सरकार व राज्य सरकार का मिलाजुला सहयोग नजर आएगा। इस योजना मे लाभार्थियों को जो भी सब्सिडी दी जाएगी इसमें से 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार देगी और 40 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार वहन करेगी ताकि इस योजना को बेहतर बनाया जाए।
एक जिला एक प्रोडक्ट बनाने में राज्य सरकार को केंद्र सरकार ने कई तरह के निर्देश दिया है। राज्यों द्वारा भी पूरा सहयोग किया जा रहा है। लाभार्थियों को पूरा लाभ देने के लिए इस प्रकार केन्द्र व राज्य का एक साथ आना एक अच्छी पहल है।
PMFME Scheme में किस प्रकार दी जाएगी सब्सिडी
देश में फूड प्रोसेसिंग के व्यवसाय में चल रही छोटे स्तर की कंपनियां जो इस योजना से सब्सिडी पाना चाहती है वै 35 प्रतिशत की लिक्विड सब्सिडी ले सकते है जो की 10,00,000 तक होगी। इसके साथ ही इस व्यवसाय को बढाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कंपनियों को 40,000 तक की मशीनरी खरीदने मे भी मदद की जाएगी। इतना की नही अगर आपको अपने प्रोडक्ट की ब्रांडिंग करनी है या उसका विज्ञापन करना है तो उस स्थिति में भी आपको राज्य सरकार द्वारा 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी।
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सब्सिडी से जुड़ी कुछ जानकारी
- इस योजना के तहत लाभार्थी कंपनियों को 35 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने का प्रावधान है जिसकी अधिकतम सीमा 10,00,000 रुपये तक की है।
- राज्य सरकारी भी इसमें अपना योगदान देने को तैयार है इस पूरी सब्सिडी में आपके जो भी रकम मिलेगी उसका 40 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार वहन करेगी।
ऑपरेशन ग्रीन को भी होगा विस्तार
इस योजना के तहत क्षेत्रों में ऑपरेशन ग्रीन का भी होगा विस्तार। ऑपरेशन ग्रीन से तात्पर्य इससे है की इसमें जो भी फसलें खराब होने वाली होगी उन फसलों के भण्डारण के लिए उपयुक्त जगहों का इंतजाम राज्य व केन्द्र सरकार करेगी। इतना ही नही इस में इसमें राज्य सरकार व केन्द्र सरकार भी आपकी इसमें मदद करेगी।
इस योजना के तहत फूड प्रोसेसिंग कंपनियों को काफी ज्यादा फायदा होने वाला है। इस प्रोसेस में तकरीबन 10,000 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। साथ ही इस योजना को आगामी 5 साल के लिए भी लागू किया गया है। मौटेतौर पर कहा जाये तो इन कंपनीयों मे से लगभग 66 प्रतिशत कंपनीया ग्रामीण क्षेत्रों में काम करती है और उन कंपनीयों के साथ कई ग्रह उद्योग जुड़े है जो फुड प्रोसेसिंग करने में उन कंपनीयों को मदद करती है।
pm fme scheme योजना के लाभ
इस योजना के लाभों की बात करें तो इससे छोटी कंपनियों को वित्तीय फायदा दिया जाएगा साथ ही उन कंपनियों को उभारने में सरकार उनकी मदद करेगी। इस योजना के तहत छोटे शहरों व क्षेत्रों में भी रोजगार में बढोतरी की जाएगी। इससे बेरोजगारी भी कम होगी। इस योजना की शुरुआत में ही इसमें 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है जो वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए किया गया है। इस योजना को सरकार ने 5 साल के लिए लांच किया गया है।
pm fme scheme निष्कर्ष
हमने हमारे इस लेख में आपको देश के छोटे फूड प्रोसेसिंग के लिए विकास को बढाने वाली इस योजना के बारे में बताया गया है। इस योजना को मुख्य तौर पर देखा जाए तो देश मे छोटी स्तर की फूड प्रोसेसिंग वाली कंपनियों का फायदा देने के उद्देश्य से ही इस योजना की शुरुआत की गई है। उम्मीद करते है आपको यह लेख पसंद आया होगा। इस लेख में भी जानकारी बता गई है वह पूर्ण रूप रिसर्च कर के बताई गई है। आपके सुझाव आप हमें नीचे कमेंट करके बता सकते है।
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